तुलसी जयंती पर कवि सम्मेलन आयोजित
जिला सनाढ्य सभा गुना द्वारा स्थानीय संस्कार भवन में दिनेश बिरथरे की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सर्व प्रथम मंचासीन अतिथियों ने विद्या की अधिष्ठात्री देवी मा सरस्वती और संत शिरोमणि आचार्य तुलसी दास जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण किया। तत्पश्चात कवि प्रमोद सोनी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत करते हुए कहा -‘दुखों को जो बदल दे सुख में वो पारस नहीं मिलता। हमें मर्यादा में रहने का ये साहस नहीं मिलता। प्रभु श्री राम की गाथा से हम अनभिज्ञ ही रहते अगर तुलसी नहीं होते तो ये मानस नहीं मिलता।’ शिक्षाविद् एवं साहित्यकार डा सतीश चतुर्वेदी ‘शाकुन्तल’ ने कहा -‘राम के बहाने दी है जीवन की सीख सारी, जैसे इस जीवन के मानी हुए तुलसी।’ नगर के वरिष्ठ शाइर हरकांत अर्पित ने कहा ‘सरल से दुरूह की ओर था सफ़र तुलसी का। इकाई से समूह की ओर था सफ़र तुलसी का। रत्नावली से किया प्यार, फिर किया राम से,जिस्म से रूह की और था सफ़र तुलसी का।’ गीतकार सुनील शर्मा’चीनी’ ने कवि सम्मेलन का सफल संचालन करते हुए कहा ‘मानव की मर्यादा राम, संजीदा शहजादा राम। खाए जिसने जूठे बेर कितना सीधा सादा राम।’ ओज कवि अनिरुद्ध सिंह सेंगर ने अपनी बात यूं कही – ‘ हमें अपने शहर का काम अच्छा लगा, प्रेम उल्फत का पैगाम अच्छा लगा।’ कवि जनेश्वर राहंगडाले ने कहा ‘रचनात्मकता ये दर्शाये, की विज्ञान कैसा है। बहस में तर्क दर्शाये, किसी का ज्ञान कैसा है। ये माना गिर के उठना और बढ़ना, जोड़ता अनुभव। मगर ठोकर ये दर्शाये, पथिक का ध्यान कैसा है।’ इसके साथ ही संजय खरे ने कहा ‘वैसे तो उसने जीत ली है दुनिया सारी,मगर वो शख़्स अंदर से हारा बहुत है।’ इस अवसर पर काफी संख्या में गणमान्य श्रोता उपस्थित रहे जिनमें सर्वश्री डॉ देवी शंकर शर्मा, डॉक्टर ओपी बिरथरे, राजकुमार शर्मा, शिवदयाल शर्मा , राम किशोर भारद्वाज, इंजी. एस के राजोरिया, पंडित लखन शास्त्री, रामबाबू सडैया, ललित भारद्वाज,एम एल शर्मा, ओपी शर्मा, जीपी शर्मा, राजेंद्र त्रिवेदी, पंडित वेद प्रकाश शर्मा, कौशल्या देवी, श्रीमती सपना शर्मा आदि प्रमुख हैं। कार्यक्रम के अंत में आमंत्रित कवियों को संस्था की ओर से शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इंडिया न्यूज़ 24 बुंदेली सागर से रामगोपाल कुशवाहा की रिपोर्ट