*सागर में आत्मविश्वास जाग्रत करके आत्मा की खोई हुई शक्ति को पुनः वापस लाया जा सकता है*
*आत्मविश्वास वह करंट है, जो हमारे जीवन रूपी मशीन को संचालित करता है*
*मानव की सबसे बड़ी शक्ति संकल्पशक्ति है*
*यह विश्वास ही अटूट तार है और जबरन आपका हाथ पकड़कर उन्नति के सोपान चढ़ाएगा*
*आत्मविश्वास में अद्भुत शक्ति है, जिससे मनुष्य हजारों विपत्तियों का सामना अकेले कर सकता है*
*जो पूरी मेहनत से काम करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य ही मिलती है
सागर जिले के नरयावली में श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर नरयावली जिला सागर मध्य प्रदेश में महासमाधिधारक परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के शिष्य आचार्य श्री समय सागर जी महामुनिराज के आज्ञानुवर्ती मुनिश्री विमलसागर जी महाराज मुनिश्री अंनतसागर जी महाराज मुनिश्री धर्मसागर जी महाराज मुनिश्री भावसागर जी महाराज का पद विहार चल रहा है 2 जुलाई 2024 को प्रातः काल की बेला में धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत पाद प्रक्षालन किया गया, एवं मांगलिक क्रियाएं की गई ,संभावना है कि ज़रूआखेडा में 3 जुलाई को प्रातः 7बजे मंगल प्रवेश होगा और आहार चर्या होगी फिर 4जुलाई को प्रातः 7बजे मंगल प्रवेश खुरई मे हो सकता है,खुरई मे कुछ दिन का प्रवास रहेगा, इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने धार्मिक संस्कारों का महत्व बताया, मुनिश्री भावसागर जी महाराज ने धर्म चर्चा में बताया कि आत्मविश्वास तो विभीषण की तरह होना चाहिए, विभीषण के ऐसा भाव था कि हम निर्बल है, मगर ईश्वर हमारे साथ हैं और हमारी शक्ति अनंत है।आत्मविश्वास रावण जैसा नहीं होना चाहिए जो समझता था कि मेरी बराबरी का कोई है ही नहीं।
यदि आपके पास राई के दाने के बराबर भी आत्मविश्वास है तो फिर कोई भी कार्य असंभव नहीं है। आत्मविश्वास का अर्थ है अपने काम के प्रति अटूट श्रद्धा होना । आत्मविश्वास में अद्भुत शक्ति है, जिससे मनुष्य हजारों विपत्तियों का सामना अकेले कर सकता है। निर्धन मनुष्य की सबसे बड़ी संपत्ति और मित्र उनका विश्वास ही है। धनहीन होते हुए भी कितने ही मनुष्यों ने ऐसे कार्य किए हैं, जो धनवान मनुष्य भी नहीं कर पाए। जिस कार्य को एक मनुष्य कर सकता है, उसी को यदि दूसरा न कर सके तो समझो कि उसमें आत्मविश्वास की कमी है। मानव की सबसे बड़ी शक्ति संकल्पशक्ति है, और सबसे बड़ा सहायक आत्मविश्वास ।जिस मनुष्य में आत्मविश्वास नहीं है, वह शक्तिमान होकर भी कायर है और पंडित होकर भी मूर्ख है,आत्मविश्वास पराक्रम का सार है।अपने ऊपर विश्वास रखें, यह विश्वास ही अटूट तार है और जबरन आपका हाथ पकड़कर उन्नति के सोपान चढ़ाएगा। स्वयं उठिए, आत्मविश्वास रूपी मित्र का हाथ थामिए और चल पढ़िये, किसी की दया या सहयोग के लिए अपाहिनों की तरह मोहताज मतबनिए सफलता का स्वयं वरण कीजिए याद रखें ,आत्मविश्वास का अर्थ है अपने ऊपर विश्वास रखना।आत्मविश्वास को जाग्रत करने का एक बेहतर तरीका है कि हम सफल व्यक्तियों की कार्य शैली को अच्छी तरह से देखें।
लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं? आप इसकी परवाह न करते हुए अपने लक्ष्य की ओर निरंतर आगे बढ़ते जाइए।जो अपने आप पर विश्वास नहीं रखता, उसका कोई विश्वास नहीं। वास्तविक गौरव, आत्मविश्वास से पैदा होता है।आत्मविश्वास के दीपक में दृढ़ता का तेल अवश्य भरिए वरना उसे बुझते देर न लगेगी।अपनी आत्मिक शक्ति पर विश्वास रख उसी का अनुभव कीजिए, एक स्वर्णिम प्रभात आपकी प्रतीक्षा करेगी।स्वयं को जंग लगा लोहा मत समझिए, आप तो लौह को स्वर्ण वाली पारसमणि हैं। उठिए! स्वतत्व को पहिचानिए ।
मनुष्य में बुद्धिबल है, उसमें स्वाबलंबन, आत्मविश्वास और साहस जैसे अनेक गुण हैं। इन्हीं गुणों के बल पर वह कठिन से कठिन काम भी कर लेता है। इन्हीं गुणों के कारण वह संसार में राज्य करता है।आत्मविश्वास जाग्रत करके आत्मा की खोई हुई शक्ति को पुनः वापस लाया जा सकता है।आत्मविश्वास वह करंट है, जो हमारे जीवन रूपी मशीन को संचालित करता है।जब कोई असफल व्यक्ति निर्णय लेना चाहता है तो वह सोचता है कि “लोग क्या कहेंगे किन्तु आत्मविश्वासी, लोगों की आलोचना को न सुनते हुए निर्णय पर अडिग रहता है।
*”दुनिया का सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग”*
-जिसमें आत्मविश्वास की कमी होती है, वह सोचता है कि जब तक मैं तैरना नहीं सीख जाता, तब तक पानी में उतरूंगा नहीं और विश्वास कहता है कि-मैं पानी में उतरूंगा, पैर फड़फड़ाऊगां और तैरना सीखूंगा।
*”ये मत सोचिए कि, लोग क्या कहेंगे। हमेशा ये सोचिए कि आप क्या करेंगे।”*
किसी महान सफलता को प्राप्त करने के लिये आत्मविश्वास की सर्वप्रथम आवश्यकता होती है। आत्मविश्वास का धनी व्यक्ति बीज को बोता है, फल की प्राप्ति करता है। फल के रस का उपयोग करता है और पुनः बीज का उपयोग करता है। हम भी आत्मविश्वासी बनें, समय को पहचानें। सफलता प्राप्त करें। “आत्मविश्वास जगाएं, सफलता पाए जिसे स्वयं पर विश्वास नहीं उसके जीवन में सुख का अहसास नहीं।जीवन की शानदार उपलब्धियों का बहुरंगी विकास विश्वास की बुनियाद पर टिका होता है।आत्मविश्वास मन को शक्ति के अहसास से और तन को ऊर्जा से भर देता है। अपनी क्षमताओं पर भरोसा ही व्यक्तित्व में स्वाभिमान का रंग भरता है।विश्वास मनुष्य का महत्वपूर्ण आलंबन है।जीवन में उसे अनेक कठिनाईयों समस्याओं एवं असुविधाओं से द्वन्द करना पड़ता है। इस संकट से मुक्ति देता है। मनुष्य वही श्रेष्ठ माना जाएगा जो अपनी कठिनाइयों में भी अपनी राह निकालता है। आत्मविश्वास की पतवार देकर उसे अपनी जीवन नैया खेनी पड़ेगी। आंधी-तूफानों से संघर्ष करने के लिए उसे अपना दिल मजबूत बनाना होगा। अपनी आत्मसत्ता को जाग्रत करना पड़ेगा। आत्मविश्वास संसार में प्राय:महान कार्यों को जन्म देता है।आत्मविश्वास के समक्ष अभाव, अभिशाप, दीनता, दारिद्रय निष्क्रिय हो जाते हैं। ये विषमतायें उसमें गत्या- बरोध उपस्थित नहीं करती। मनुष्य अपने व्यक्तित्व का निर्माता स्वयं है । उसके पास आत्मविश्वास का बहुत बड़ा सम्बल है। मनुष्य को अपने चरित्र, गुण एवं व्यक्तित्व निर्माण के लिए आत्मविश्वास आवश्यक है। कुछ लोगों में ज्ञान, प्रतिभा सब कुछ होते हुए भी सफलता नहीं मिलती, क्योंकि उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है।
अपने आत्मविश्वास को जगाओ और असंभव के ‘अ’ को हटा फेंकों। हर असंभव को भी संभव बना डालो।’ आत्मविश्वास व सच्ची लगन से कार्य करने वाले कभी असफल नहीं होते
जो पूरी मेहनत से काम करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य ही मिलती है। जो व्यक्ति विश्वास और सच्ची लगन के साथ काम करते हैं, हार नहीं मानते हैं, सफलता उन्हें अवश्य मिलती है।आज सारी दुनिया जिसका लाभ उठा रही है ऐसे लाखों अविष्कार हो रहे हैं ये अविष्कार आत्मविश्वासियों के परिश्रम की ही देन है। यदि आप में आगे बढ़ने की क्षमता और आत्मविश्वास है तो दुनिया की कोई शक्ति आपके प्रगति पथ पर बढ़ते कदमों की अवरोधक नहीं बन सकती । जिंदगी का अच्छा और सच्चा प्रहरी आत्मविश्वास ही है।जिस व्यक्ति के भीतर तात्कालिक निर्णय करने की प्रतिभा और क्षमता होती है, वह आत्मविश्वास से भरा हुआ होता है और वही व्यापार और विद्यार्जन में सफल हो सकता है। निर्णय करने की शक्ति ही हमें लक्ष्य निर्धारित करने की क्षमता तथा आत्मविश्वास देती है।
*इंडिया न्यूज़ 24 बुंदेली सागर से निखिल सोधिया की रिपोर्ट..*