देवरी में एक युवक के अपहरण मामले का पुलिस ने खुलासा किया और झूठी कहानी रचने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया

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देवरी से निखिल सोधिया की रिपोर्ट 

देवरी विधानसभा क्षेत्र के अटारी बेरखेरी में हुए युवक के अपहरण मामले का पुलिस ने सोमवार को खुलासा कर दिया है। अपहरण की कहानी झूठी निकली है। आरोपियों ने गांव के लोगों को झूठे केस में फंसाने के उद्देश्य से अपहरण की झूठी साजिश रची थी। लेकिन शिकायत पर पुलिस ने जांच की तो आरोपियों की पोल खुल गई। मामले में पुलिस ने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

 

पुलिस के अनुसार 10 जून की रात 12 बजे बलवीर पुत्र भबूत सिंह ठाकुर, चंद्रभान ठाकुर निवासी अटारी बेरखेरी और अन्य ने थाना गौरझामर पहुंचकर भाई रणवीर सिंह ठाकुर निवासी अटारी बेरखेरी के अपहरण की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि रणवीर के साथ उसके गांव के ही शिवराज सिंह, गब्बर सिंह, धर्मेन्द्र सिंह ठाकुर ने मारपीट की और अपहरण कर लिया है। शिकायत मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू की। तभी अनावेदक पक्ष थाने पहुंचा और अपहरण की घटना से इनकार किया।

 

मोबाइल लोकेशन से संदेह के घेरे में आए फरियादी

 

गौरझामर थाना प्रभारी ब्रजमोहन कुशवाहा ने बताया कि मामले में पुलिस ने घटनाक्रम की बारीकि से पड़ताल शुरू की। हकीकत जानने के लिए दोनों पक्षों के मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकाली गई। सीडीआर रिपोर्ट में गुमशुदा रणवीर का मोबाइल लगातार बंद-चालू होकर टॉवर लोकेशन अटारी बेरखेरी, रानगिर और ज्वाप के जंगल में पाई गई। जिस पर पुलिस की दो टीमें गठित कर गुमशुदा की तलाश में लगाई गई। लेकिन गुमशुदा का लगातार मोबाइल बंद चालू करने के कारण उसकी दस्तयाबी नहीं हो सकी।मामले में संदेह होने पर पुलिस ने गुमशुदा के परिजन बलवीर सिंह, चंद्रभान सिंह और उसके रिश्ते के भाई शुभम ठाकुर निवासी कुशमगढ के मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकाली और जांच की। जिसमें उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई। जिसके आधार पर पुलिस ने शिकायतकर्ताओं से पूछताछ की। पूछताछ में पहले तो उन्होंने पुलिस को गुमराह किया। लेकिन पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी टूट गए और अपहरण की झूठी कहानी की हकीकत उगल दी।

 

झूठे केस में फंसाने रची थी अपहरण की झूठी कहानी

 

देवरी एसडीओपी पूजा शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने गांव के शिवराज सिंह, गब्बर सिंह, धर्मेन्द्र निवासी अटारी बेरखेरी को अपहरण के केस में फंसाने के लिए अपहरण की झूठी कहानी रची थी। मामले में पुलिस ने आरोपियों को धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया

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